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How Solved Php Program Execute in Hindi

Web Design And Development

How Solved Php Program Execute in Hindi

PHP प्रोग्राम को हल करने और निष्पादित करने का प्रक्रिया सर्वर-साइड पर होती है। जब आप PHP कोड को लिखत

How Solved Php Program Execute in Hindi

PHP कोड की निष्पादन प्रक्रिया सर्वर पर होती है, जिससे वेबसाइट्स गतिशील और इंटरैक्टिव बनती हैं। जब आप PHP प्रोग्राम को लिखते हैं और उसे सर्वर पर भेजते हैं, तो सर्वर PHP इंजन के माध्यम से उस कोड को पढ़ता है, आवश्यक डेटा संसाधित करता है, और परिणामस्वरूप HTML पृष्ठ बनाता है। यह प्रक्रिया उपयोगकर्ताओं को त्वरित और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है, जैसे कि लॉगिन सिस्टम, फॉर्म डेटा प्रबंधन और ई-कॉमर्स साइट्स में। इसलिए, PHP का उपयोग वेबसाइट्स को अधिक इंटरैक्टिव, एफिशिएंट और उपयोगकर्ता बनाने में मदद करता है, जो वेब डेवलपमेंट में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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PHP कोड की निष्पादन प्रक्रिया सर्वर पर होती है, जिससे वेबसाइट्स गतिशील और इंटरैक्टिव बनती हैं। जब आप PHP प्रोग्राम को लिखते हैं और उसे सर्वर पर भेजते हैं, तो सर्वर PHP इंजन के माध्यम से उस कोड को पढ़ता है, आवश्यक डेटा संसाधित करता है, और परिणामस्वरूप HTML पृष्ठ बनाता है। यह प्रक्रिया उपयोगकर्ताओं को त्वरित और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है, जैसे कि लॉगिन सिस्टम, फॉर्म डेटा प्रबंधन और ई कॉमर्स साइट्स में। इसलिए, PHP का उपयोग वेबसाइट्स को अधिक इंटरैक्टिव, एफिशिएंट और उपयोगकर्ता बनाने में मदद करता है, जो वेब डेवलपमेंट में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Course Overview

“How Solved PHP Program Executes in Hindi” कोर्स में आप जानेंगे कि PHP प्रोग्राम सर्वर पर कैसे कार्यान्वित होता है। इसमें PHP की परफॉर्मेंस, कोड निष्पादन प्रक्रिया, जावास्क्रिप्ट, सर्वर-साइड स्क्रिप्टिंग और हॉटस्पॉट्स का व्यावहारिक विवरण शामिल है। यह कोर्स उन डेवलपर्स के लिए उपयोगी है जो PHP की अंतर्निहित कार्यप्रणाली को समझकर बेहतर वेबसाइट और एप्लिकेशन बना सकते हैं।

Course Description

“कैसे हल PHP प्रोग्राम संचालित होता है” कोर्स में आप PHP कोड के निष्पादन प्रक्रिया को हिंदी में आसान तरीके से समझेंगे, जिसमें सर्वर-साइड पर PHP स्क्रिप्ट का रन होना, इंटरप्रेटर का कार्य और वेबसाइट के प्रदर्शन का तरीका शामिल है, ताकि आप बेहतर वेब एप्लिकेशन बना सकें।

Key Features

1 - Comprehensive Tool Coverage: Provides hands-on training with a range of industry-standard testing tools, including Selenium, JIRA, LoadRunner, and TestRail.

2) Practical Exercises: Features real-world exercises and case studies to apply tools in various testing scenarios.

3) Interactive Learning: Includes interactive sessions with industry experts for personalized feedback and guidance.

4) Detailed Tutorials: Offers extensive tutorials and documentation on tool functionalities and best practices.

5) Advanced Techniques: Covers both fundamental and advanced techniques for using testing tools effectively.

6) Data Visualization: Integrates tools for visualizing test metrics and results, enhancing data interpretation and decision-making.

7) Tool Integration: Teaches how to integrate testing tools into the software development lifecycle for streamlined workflows.

8) Project-Based Learning: Focuses on project-based learning to build practical skills and create a portfolio of completed tasks.

9) Career Support: Provides resources and support for applying learned skills to real-world job scenarios, including resume building and interview preparation.

10) Up-to-Date Content: Ensures that course materials reflect the latest industry standards and tool updates.

 

Benefits of taking our course

 

 Functional Tools

1 - PHP का इंटरप्रेटर (PHP Interpreter): PHP प्रोग्राम को समझने और निष्पादन करने के लिए PHP का इंटरप्रेटर जिम्मेदार होता है। ये टूल PHP कोड को पढ़ता है, उसे परसे करता है और मशीन कोड में ट्रांसफर करता है ताकि सर्वर पर रन किया जा सके। PHP इंटरप्रेटर वाइटल भाग है जो स्क्रिप्ट के कंटेंट को ऑपरेट करने का कार्य करता है। हमारे प्रशिक्षण में छात्र यह सीखते हैं कि कैसे PHP कोड को सही ढंग से इंटरप्रेटर के माध्यम से रन किया जाता है, इससे उन्हें बैकएंड डेवलपमेंट की समझ मिलती है। इससे जुड़ी प्रक्रिया, क्रियाएं और त्रुटियों का निदान भी इसमें शामिल है। यह कौशल छात्रों को लाइव वेबसाइट्स और वेब एप्लिकेशन बनाने में सक्षम बनाता है। PHP के इंटरप्रेटर का सेटअप सीखकर छात्र रीयल टाइम में कोड रन कर सकते हैं और अपने प्रोजेक्ट्स को डिबग कर सकते हैं। 

2) वेब सर्वर (Web Server): एपाचे (Apache) या एनजीिनएक्स (Nginx) जैसे वेब सर्वर PHP स्क्रिप्ट्स को होस्ट करते हैं। ये सर्वर HTTP प्रोटोकॉल के माध्यम से क्लाइंट के अनुरोधों को प्राप्त करते हैं और उन्हें सही तरीके से प्रक्रिया में लाते हैं। वेब सर्वर का उद्देश्य PHP के साथ संचार करना और वेबसाइट का प्रदर्शन करना है। हमारे प्रशिक्षण में, छात्र यह सीखते हैं कि कैसे वेब सर्वर सेटअप करें, कॉन्फ़िगर करें और PHP फाइलों को होस्ट करें। इससे उन्हें वेब होस्टिंग, वेबसाइट थ्रूपुट और सुरक्षा के क्षेत्र में भी ज्ञान मिलता है। सर्वर कमांड और वर्चुअल होस्टिंग की प्रक्रिया समझाई जाती है। यह कौशल सीखने के बाद छात्र अपने प्रोजेक्ट्स को लाइव होस्ट कर सकते हैं। वेब सर्वर का सही सेटअप वेबसाइट की फास्ट और सुरक्षीत परफॉर्मेंस के लिए आवश्यक है। 

3) PHP डेवलपमेंट एनवायरनमेंट (PHP Development Environment): इसमें वीकम (XAMPP), WAMP, MAMP जैसे टूल्स शामिल हैं जो PHP का विकास आसान बनाते हैं। ये लोकल सर्वर सेटअप करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हैं। इन टूल्स के माध्यम से छात्र अपने कंप्यूटर पर ही PHP फाइलें बना, एडिट और टेस्ट कर सकते हैं। प्रशिक्षण में, छात्र इन टूल्स को इंस्टॉल करने, कॉन्फ़िगरेशन सेटअप करने और PHP फाइलें चलाने का अभ्यास करते हैं। इससे उन्हें साफ सुथरे डेवलपमेंट माहौल का अनुभव मिलता है। इसके अलावा, ये टूल्स PHP, MySQL, और Apache सर्वर के बीच इंटरकनेक्शन को आसान बनाते हैं। यह प्रक्रिया नए डेवलपर्स को जल्दी सीखने और प्रोजेक्ट्स पर काम करने में मदद करती है। लोकल सर्वर का इस्तेमाल कर छात्र बिना लाइव सर्वर पर निर्भर हुए अपने कोड का परीक्षण कर सकते हैं।  

4) MySQL (डाटाबेस): PHP में डेटा स्टोर करने के लिए MySQL का इस्तेमाल किया जाता है। यह डाटाबेस टूल डेटा को संग्रहित, संशोधित और खोजने में मदद करता है। PHP और MySQL का मेल वैबसाइट्स को डायनामिक बनाने का मुख्य आधार है। प्रशिक्षण में, छात्र MySQL को सेटअप करना, क्वेरी लिखना और PHP के जरिए डेटाबेस के साथ इंटरैक्ट करना सीखते हैं। यह प्रक्रिया उनकी डेटाबेस मैनेजमेंट और डेटा हैंडलिंग की क्षमताओं को बढ़ावा देती है। छात्र सीखते हैं कि कैसे CRUD ऑपरेशन्स (क्रिएट, रीड, अपडेट, डिलीट) टास्क करने हैं। इसके साथ ही, वे PHP में सुरक्षित तरीके से SQL क्वेरी का उपयोग करना भी सीखते हैं। यह कौशल उन्हें फुल स्टैक वेब डेवलपर बनाने में मदद करता है। डेटाबेस से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना भी इन प्रशिक्षण का हिस्सा है।  

5) कोड एडिटर / आईडीई (Code Editor/IDE): Visual Studio Code, Sublime Text, या PHPStorm जैसे एडिटर्स का उपयोग कोड लिखने और संशोधित करने के लिए किया जाता है। ये टूल्स syntax highlighting, auto completion और debugging सुविधाएँ प्रदान करते हैं। प्रशिक्षण में छात्र इन एडिटर्स की सेटिंग्स, प्लगइन, और सुविधाओं का उपयोग करना सीखते हैं। बेहतर टूल्स का इस्तेमाल कर वे अपने कोड को साफ सुथरा और त्रुटि मुक्त बना सकते हैं। IDE का उपयोग debugging की प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे त्रुटियों का पता जल्दी चलता है और उसे ठीक किया जा सकता है। छात्र सीखते हैं कि इन टूल्स में कैसे मिस्टेक्स पहचानें और कैसे efficient workflow बनाएं। यह कौशल उन्हें professional स्तर का PHP प्रोग्रामर बनाने में मदद करता है। इन टूल्स का अभ्यास पूरे कोर्स में किया जाता है ताकि छात्र बिना समस्या के कोड लिख सकें और टेस्ट कर सकें।

6) PHP Frameworks (PHP फ्रेमवर्क्स): Laravel, CodeIgniter, Symfony जैसे टूल्स PHP डेवलपमेंट को तेज और अधिक organized बनाने के लिए प्रयोग होते हैं। ये फ्रेमवर्क्स MVC (Model View Controller) आर्किटेक्चर का पालन करते हैं, जो कोड को मैनेज करने में आसानी प्रदान करता है। हमारे प्रशिक्षण में, छात्र इन फ्रेमवर्क्स का सेटअप, राउटिंग, मॉड्यूल बनाएँ और API डेवलपमेंट करना सीखते हैं। इससे वे जटिल वेब एप्लिकेशन बनाने में सक्षम होते हैं। फ्रेमवर्क्स के माध्यम से सुरक्षा, ऑथेंटिकेशन और ऑथराइजेशन की बेहतर प्रक्रिया सीखाई जाती है। यह अधिक स्केलेबल और मेंटेनेंस के अनुकूल कोडिंग का अभ्यास कराते हैं। छात्र इन टूल्स के माक्र्सत्रक प्रयोग से तेजी से प्रोजेक्ट डेवलप कर सकते हैं, जिससे उनके करियर में वृद्धि होती है।

7) REST API डेवलपमेंट (रेस्ट API का विकास): PHP का उपयोग कर RESTful वेब सेवाएँ और API बनाना एक महत्वपूर्ण कौशल है। यह technique डाटा एक्सचेंज, मोबाइल ऐप्स, और दूसरे वेब सर्विस के लिए जरूरी होती है। हमारे कोर्स में छात्र API रूटिंग, सुरक्षा, डेटा एनकोडिंग, और टेस्टिंग पर ध्यान देते हैं। छात्र सीखते हैं कि कैसे JSON फॉर्मेट में डेटा ट्रांसफर करना है। यह कौशल उन्हें विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ संवाद स्थापित करने में समर्थ बनाता है। API रेस्पॉन्स हैंडलिंग, ऑथेंटिकेशन, और थ्रेडिंग जैसी अवधारणाओं को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाता है। इस प्रक्रिया में छात्र अपने प्रोजेक्ट्स को इंटरऑपरेबल और मॉड्यूलर बनाते हैं, जो व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप होता है।

8) PHP के साथ JavaScript और HTML/CSS का इंटीग्रेशन: PHP से बनाये गए वेब एप्लिकेशन को इंटरैक्टिव बनाने के लिए फ्रंट एंड टेक्नोलॉजी का ज्ञान जरूरी है। छात्र HTML, CSS और JavaScript का उपयोग कर यूजर इंटरफेस डिजाइन करना, फॉर्म्स हैंडलिंग, और डाइनमिक कंटेंट उत्पन्न करना सीखते हैं। PHP के साथ इन टेक्नोलॉजीज का संयोजन वेबसाइट की यूजर फ्रेंडलीनेस और रेस्पॉन्सिवनेस को बढ़ाता है। यह कौशल उन्हें फुल स्टैक डेवलपमेंट में सक्षम बनाता है। प्रशिक्षण के दौरान, छात्र AJAX, jQuery जैसी लाइब्रेरीज का अभ्यास करते हैं। इससे वे बिना पेज रिफ्रेश किए डेटा लोड करना सीखते हैं। इस समागम से वे अधिक इंटरैक्टिव और प्रफुल्लित वेबसाइटें बना सकते हैं।

9) PHP सिक्योरिटी (सुरक्षा): सिखाया जाता है कि PHP में सुरक्षा उपाय कैसे लागू करें। इसमें SQL injection, XSS (Cross site Scripting), CSRF (Cross site Request Forgery) से बचाव के तरीके शामिल हैं। छात्र एन्क्रिप्शन, पासवर्ड हैशिंग, और सत्र प्रबंधन जैसी तकनीकें भी सीखते हैं। यह उन्हें मजबूत, सुरक्षित वेब एप्लिकेशन बनाने में मदद करता है। सही सुरक्षा अभ्यास उद्योगमान्य मानकों के अनुसार सिखाए जाते हैं ताकि वे हेक्टर्स के हमले से अपने प्रोजेक्ट्स की रक्षा कर सकें। सुरक्षा कोडिंग प्रैक्टिस और प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जो करियर में सुरक्षा विशेषज्ञता प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

10) PHP प्रोजेक्ट्स और विर्चुअल लैब्स: प्रशिक्षण में रियल टाइम प्रोजेक्ट्स और केस स्टडीज़ शामिल हैं। छात्र अपने सीखे हुए कौशल का व्यावहारिक प्रयोग करते हैं। यह उन्हें समस्या सुलझाने, टीमवर्क और प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद करता है। वर्चुअल लैब्स के माध्यम से लाइव क्लाइंट प्रोजेक्ट्स, इंटरनल परीक्षाएँ और फीडबैक मिलते हैं। इससे उनके प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो मजबूत बनता है। उनके कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने के लिए एक्टिव प्रतिक्रिया और सुझाव इस कोर्स का महत्वपूर्ण भाग हैं। इस प्रक्रिया से उन्हें इंडस्ट्री के वास्तविक कामकाज का अनुभव प्राप्त होता है। 

11 - Testing and Debugging (परीक्षण और डिबगिंग): PHP कोड की त्रुटियों को ढूंढने और ठीक करने के तरीके सिखाए जाते हैं। इसमें यूनिट टेस्टिंग, डिबगिंग टूल्स का प्रयोग, और लॉगिंग शामिल हैं। छात्र सीखते हैं कि त्रुटियों का जल्दी पता लगाने और ठीक करने के लिए सही प्रैक्टिस क्या है। यह कुशलता उन्हें बेहतर त्रुटि प्रबंधन क्षमता प्रदान करती है। इस कौशल के साथ, छात्र अपने कोड की गुणवत्ता सुधार सकते हैं और बेहतर एप्लिकेशन विकसित कर सकते हैं। यह उनका करियर ग्रोथ सुनिश्चित करता है क्योंकि उद्योग में त्रुटि रहित, मजबूत कोड की मांग रहती है।  

12) परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन (प्रदर्शन को अनुकूलित करना): PHP कोड की गति और दक्षता बढ़ाने के लिए प्रैक्टिस कराई जाती है। कैशिंग, क्वेरी ऑप्टिमाइजेशन और बेस्ट प्रैक्टिसेस को सीखाया जाता है। इससे वेबसाइट का लोड टाइम कम होता है और यूजर एक्सपीरियंस बेहतर बनता है। छात्र यह भी सीखते हैं कि कैसे स्केलेबल एप्लिकेशन बनाएँ, ताकि बढ़ते उपयोगकर्ता आधार को संभाला जा सके। परफॉर्मेंस एनालिसिस टूल्स का प्रयोग कर उनकी निगरानी और सुधार का तरीका भी समझाया जाता है। यह कौशल उन्हें उद्योग में प्रतिस्पर्धी बनाता है।

 

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